Ahn news Bareilly रिपोर्ट शैलेन्द्र गंगवार ——–बरेली पैनी नजर सामाजिक संस्था के अध्यक्षता में बरेली की कई अन्य सामाजिक संस्थाओं ने सामूहिक रूप से ईवीएम मशीन को बैन करने के संबंध में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बरेली जिलाधिकारी के द्वारा ज्ञापन सोपा संस्था अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार ने कहा की 2014 से लगातार चुनाव में गड़बड़ियां पाई जा रही हैं इसके सबूत लगातार विपक्षी पार्टियों भी दे रही हैं देश के अधिवक्ता दे रहे हैं जनता दे रही है उसके बावजूद भी बीजेपी सरकार चुनाव आयोग ईवीएम मशीन से चुनाव कराने के लिए क्यों अड़ा हुआ है इससे साफ जाहिर होता है की ईवीएम मशीन से सरकार चुनाव जीत रही है जो सरकार जन विरोधी कानून को लाती हो जन विरोधी कानून लागू करती हो जनता के हित में काम न कर रही हो लगातार देश में बड़े-बड़े धरने प्रदर्शन सरकार के खिलाफ हो रहे हैं उस आवाज को सरकार अपनी सत्ता की पावर से दबा रही है जब अत्याचार की हद पार हो चुकी है तो अब गांव-गांव आवाज उठने लगी है कि ईवीएम मशीन से चुनाव नहीं होना चाहिए जिसको लेकर यह सरकार के लिए एक चेतावनी है कि अब 2024 का चुनाव बैलट पेपर से होना चाहिए देश में जब लोकतंत्र को खतरा होता है तो न्यायपालिका की जिम्मेदारी होती है लोकतंत्र को बचाने की आज न्यायपालिका से पूरा देश अपील कर रहा है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है इसलिए ईवीएम बैन होनी चाहिए और बैलट पेपर से निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए जिससे की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार ही सरकार बने अगर बीजेपी सरकार को यह पता है कि जनता उसे वोट दे रही है तो जनता उसे हर बार बढ़ चढ़कर बहुमत दे रही है तो उन्हें बैलट से चुनाव कराने में क्या आपत्ति है अगर उन्हें जनता पर भरोसा है कि जनता उन्हें ही वोट दे रही है तो बैलट से भी वही रिजल्ट आएगा जो ईवीएम से आया इसलिए सरकार की नियत पर शक होता है कि वह ईवीएम मशीन को पकड़ कर क्यों बैठी है देश के बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं आखिर क्यों यह धरने पर दर्शन हो रहे हैं जो किसान 2 साल पहले 13 महीने धरने पर बैठ चुके हैं किसानों के लिए लाए गए काले काले कानून के विरोध में आज उन्हें फिर से धरने पर बैठना पड़ रहा है और इसके लिए सरकार उन पर तरह-तरह के धरने को रोकने के लिए कीले आंसू गैस जैसी चीजों को प्रयोग कर रही है यह किसी संस्था या किसी पार्टी विशेष की मांग नहीं है यह अब देश की जनता की मांग हो चुकी है तो सरकार को भी इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।