आज जिलाअधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के निजी चिकित्सकों के साथ बैठक हुई संपन्न

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आज जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के निजी चिकित्सकों के साथ बैठक हुई सम्पन्न।

रिपोर्ट मायाराम वर्मा पीलीभीत

पीलीभीत जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जनपद के समस्त निजी चिकित्सकों के साथ बैठक गांधी सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि अस्पताल के सम्पूर्ण परिसर में निर्वाद विद्युत व्यवस्था विद्युत बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। समस्त मुख्य ड्यूटी स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे की क्रियाशीलता, इंटरनल सेक्सुअल हर्रसमेंट समिति की क्रियाशीलता व 24 घन्टे कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई। कंट्रोल रूम में इमरजेंस काॅल की स्थिति में फस्र्ट रेस्पोंनडर आपात स्थिति में तत्काल पहुचकर महिला कर्मी को सुरक्षा प्रदान करेगें जिसका रिकार्ड भी रखा जाना है। रोगी एवं तीमारदारों से दिन में 02 बार पारदर्शी संवाद किया जाये। उन्होंने कहा कि समस्त चिकित्सालयों एवं क्लीनिक के स्टाफ का नाम, फोटो, पद, मो0नं0 के साथ बोर्ड लगाया जाए एवं सभी के आईकार्ड अनिवार्य रूप से हो। ओपीडी में भीड़ का मैनेजमेंट किया जाए आकस्मिकता किन स्थिति में रोगी को प्राथमिकता पर देखा जाए। चिकित्सालय में भर्ती रोगी एवं उसके तीमारदारों के साथ स्टाफ द्वारा शालीन व्यवहार किया जाए एवं उनकी समस्या का त्वरित निराकरण किया जाए। चिकित्सालय एवं क्लीनिक के बाहर पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाए। बायोमेडिक बेस्ट का नियमानुसार निस्तारण किया जाए, संस्थागत प्रसवों की शत प्रतिशत रिपोर्टिंग मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने कहा कि प्रसव इकाईयों पर प्रसव उपरान्त नवजात शिशु को बर्थ डोज (हेपेटाइटिस-बी) एवं जीरो डोज (ओ0पी0वी एवं बी0सी0जी0) से अनिवार्य रूप से लगाई जाये। प्रसव इकाईयों पर प्रसव उपरान्त बर्थ डिफेक्ट वाले बच्चों का चिन्हीकरण एवं रिपोर्टिंग की जाये, बुखार के प्रत्येक रोगी की लाइनलिस्ट दी गयी गूगलशीट पर भरी जाए एवं मलेरिया एवं डेंगू की जांच स्वास्थ्य विभाग से निःशुल्क कराई जाये। डेंगू की जांच यदि किसी निजी चिकित्सालय/पैथोलाॅजी में की जाती है तो रोगी से अधिकतम निर्धारित दर रू. 600 से अधिक न ली जाए। निजी चिकित्सालयों में टी0बी0 नोटिफिकेशन को निश्चय पोर्टल पर अंकित किया जाये ताकि रोगी को वित्तीय लाभ दिया जा सके। चिकित्सालयों में आई0पी0डी0 के रोगियों के प्रपत्रों को पूर्ण रूप से भरा जाए। चिकित्सालय में भर्ती रोगी के तीमरदारों हेतु आईर्का की अनिवार्यता, आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत अनुबंधित चिकित्सालयों द्वारा समय समय पर निर्गत शासनादेशों को स्वयं पढ़कर उनका अक्षरशः का अनुपालन किया जाए। जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से जन्म के 24 घंटे निर्गत किया जाए। चिकित्सालयों में प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओ (15 से 49 वर्ष) की मातृ मृत्यु के कारणों से होने वाली मृत्यु की सूचना उपलब्ध सीएमओ कार्यालय को उपलब्ध कराई जाये। यू0डी0एस0पी0 पोर्टल पर विभिन्न 12 तरह की बीमारियों की सूचना का समय से अपडेशन, पी0एम0एस0एम0ए0 दिवसों (01,09,24) पर क्यूआर कोड द्वारा निःशुल्क गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासांउड की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। पी0एम0एस0एम0ए0 दिवसों पर निजी चिकित्सकों द्वारा ओपीडी में वालंटियर सहयोग, जिस हेतु ग्रामीण इकाईयों पर जाने हेतु रू. 1000/- टी0ए0 का प्रावधान है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) ऋतु पूनिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 आलोक कुमार, आईएमए के अध्यक्ष/नोडल डाॅ0 एस.के.सिंह, डाॅ0 पी.डी. सिंह, डाॅ0 रश्मिी चैधरी, डाॅ0 उपेन्द्र नाथ, डाॅ0 दीपा गंगवार, डाॅ0 भरत कंचन, डाॅ0 भरत सेठी, डाॅ0 सचान, डाॅ0 प्रभाकर, एवं डाॅ0 पी.एन. सक्सेना सहित अन्य डाॅक्टर उपस्थित रहे।