पंजाब कैबिनेट बैठक का समापन, गुरबाणी प्रसारण को लेकर CM मान ने की खास चर्चा

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मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आज कैबिनेट बैठक हुई जहां कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मोहर लगी। बैठक के बाद मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जहां उन्होंने ये जानकारी दी कि सहायक प्रोफेसरों की पदों को रद्द किया गया है। उन्होंने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसरों की आयु में 5 वर्ष की वृद्धि की गई है, इससे 37 साल से ऊपर की आयु वालों की आयु 42 साल हो गई है। दूसरा फैसला पावर ऑफ अटॉर्नी के बारे में था, जिसमें उन्होंने कहा कि ब्लड रिलेशन वालों के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी मुफ्त होगी, जबकि बाहरी रिश्तेदारों को 2% फीस देनी होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मान ने गुरबाणी प्रसारण के बारे में भी महत्वपूर्ण बयान दिया है।

गुरबानी के प्रसारण को लेकर महत्तवपूर्ण बयान

उन्होंने कहा कि 1925 में गुरद्वारा एक्ट में ब्रॉडकास्ट के बारे में कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी पर एक ही परिवार का कब्जा है और गुरु की शिक्षा को मुफ्त में प्रचारित किया जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि गुरबाणी क्यों नहीं मुफ्त एयरटेल पर प्रसारित हो सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे गुरुद्वारों ने मसंदों को दूर किया, वैसे ही आधुनिक मसंदों से गुरबाणी को छुड़ाएंगे। उन्होंने टेंडर सिस्टम की घोषणा की और कहा कि जो ज्यादा धनवान होगा, वह गुरबाणी को ले जाएगा, उसका चैनल चलेगा और सभी घरों में इसे टेलीकास्ट किया जाएगा।

गुरबाणी को लेकर 11 वर्षों के लिए हुआ है समझौता

उन्होंने कहा कि 2012 में 11 वर्षों के लिए सचखंड श्री दरबार साहिब के बाणी प्रसारण के अधिकारों को छीन लिया गया है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2023 में गुरबाणी प्रसारण की समझौता खत्म हो रहा है, जो बादलों के चैनल से होता था। उन्होंने कहा कि अगर इस बार कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो फिर 10-11 साल तक इंतजार किया जाना होगा। मान ने इस समस्या को हल करने के लिए कई वकीलों से बातचीत की है और सलाह ली है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है और इसमें कहा है कि यह इंटरस्टेट नहीं, बल्कि स्टेट एक्ट है। उन्होंने बताया कि धामी साहब इस बारे में सुन रहे हैं और उन्हें बताया गया है कि यह एक स्टेट एक्ट है। मान ने यह भी बताया कि उन्होंने कोई संशोधन नहीं किया है और कोई बदलाव नहीं किया है। वह गुरबाणी के प्रसारण के लिए किसी सरकारी संस्थान को नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब को श्री आनंदपुर साहिब के मामले पर निर्णय लेना चाहिए।

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