सपा विधायक अताउर रहमान दिनदहाड़े लोगों की जमीन बाग कब्जे कर कटवा लेते थे अब सरकार कर रही विकास किसान नेता देव स्वरूप पटेल
किसान नेता एवं प्रांतीय संरक्षक क्रांतिकारी विचार मंच उत्तर प्रदेश देव स्वरूप पटेल ने कहा कि जो विकास के कार्य वर्षों वर्ष विपक्षी दल के नेता नहीं करा पाए उन्हें विकास एवं जनहित के कार्यों को सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री वाणिज्य एवं उद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिकी जितिन प्रसाद ने आठ माह में ही कर दिए हैं या होने वाले हैं जितिन प्रसाद बहेड़ी पीलीभीत लोकसभा की हर छोटी बड़ी समस्या के निस्तारण को लगातार प्रयासरत है बहेड़ी के सपा विधायक ने विधानसभा में समस्या उठाई की फरीदपुर नगर पंचायत में स्वास्थ्य सेवा सुचारु नहीं है तथा वहां के आई टी आई कॉलेज का निर्माण वर्षों से अधूरा है तथा बहेड़ी केसर चीनी मिल गन्ना भुगतान नहीं कर रही बहेड़ी के सपा विधायक के नकारे पन का जवाब देते हुए किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने कहा कि बहेड़ी की फरीदपुर नगर पंचायत में अस्पताल डॉक्टर और दवा की समस्या का समाधान जितिन प्रसाद ने करा दिया है आई टी आई कॉलेज भवन निर्माण सपा सरकार ने ही रोका था जिसे बनवाने की प्रक्रिया भी सांसद जितिन प्रसाद ने शुरु करा दी है पटेल ने कहा कि गन्ना किसानों के भुगतान एवं खाद की सबसे विकराल समस्या
सपा शासन में रही यहां तक
सपा विधायक अताउर रहमान दिनदहाड़े लोगों की जमीन बाग कब्जे कर कटवा लेते थे
ठिरिया के प्रधान रामलाल गंगवार के साथ भी यही हुआ किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने कहा कि उन्होंने सबसे ज्यादा आंदोलन सपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ बहेड़ी में किये हैं पटेल ने कहा कि अब सभी सड़कें अच्छी और चौड़ी कराई जा रही है कताई मिल जो वर्षों से बंद पड़ा उसका सही इस्तेमाल को प्रयास किये जा रहे हैं मिल के श्रमिकों, कर्मचारियों का वर्षों पुराना भुगतान भी केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के प्रयास से कराया जा रहा है केसर चीनी मिल और बजाज चीनी मिल प्रबंधकों को सार्वजनिक तौर पर जनसंवाद कार्यक्रमों में सख्त हिदायत दी कि किसानों का गन्ना बकाया भुगतान करें और हर वर्ष से ज्यादा भुगतान हुआ भी है जिस क्षेत्र के गन्ना किसानों ने अपना गन्ना क्रय केंद्र केसर चीनी मिल और बजाज चीनी मिल से अन्य चीनी मिल को ट्रांसफर करने की पूरी प्रक्रिया की उनका गन्ना सेंटर उन चीनी मिलों को दिए गए जो समय पर गन्ना भुगतान कर रही है और इसी का परिणाम है कि केसर चीनी मिल बहेड़ी और बजाज चीनी मिल बरखेड़ा को हर वर्ष से कम गन्ना मिला और वह गत वर्षो की अपेक्षा एक माह पहले ही बंद हो रहीं हैं