हिंदी पत्रकारिता दिवस: भारतीय पत्रकारिता की महत्वपूर्ण धरोहर : मुकेश सक्सेना*

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*हिंदी पत्रकारिता दिवस: भारतीय पत्रकारिता की महत्वपूर्ण धरोहर : मुकेश सक्सेना*

“*कलम की ताकत से बदल जाते हैं हालात*,
*सच की आवाज़ से जगाने वाले हैं पत्रकार।*”

“*पत्रकारिता है एक मिशन, सच को दिखाने का*,
*लोगों को जगाने का, समाज को सुधारने का।*”

*हिंदी पत्रकारिता दिवस* हर साल 30 मई को मनाया जाता है, जो हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन का महत्व समझने के लिए, हमें हिंदी पत्रकारिता के इतिहास को जानना होगा।

_*हिंदी पत्रकारिता का इतिहास*

हिंदी पत्रकारिता का इतिहास 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ, जब भारत में ब्रिटिश शासन था। उस समय, पत्रकारिता मुख्य रूप से अंग्रेजी में थी, लेकिन धीरे-धीरे हिंदी पत्रकारिता ने भी अपनी जगह बनानी शुरू की।

30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने _उदंत मार्तंड_ नामक पहला हिंदी समाचार पत्र प्रकाशित किया। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने हिंदी पत्रकारिता को एक नई दिशा दिखाई।

_*हिंदी पत्रकारिता का महत्व*

हिंदी पत्रकारिता ने भारतीय समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने लोगों को जागरूक किया, सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की, और राजनीतिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया। हिंदी पत्रकारिता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

_*निष्कर्ष*

हिंदी पत्रकारिता दिवस हमें हिंदी पत्रकारिता के इतिहास और महत्व की याद दिलाता है। यह दिन हमें पत्रकारिता के मूल्यों और आदर्शों को समझने और उनका पालन करने के लिए प्रेरित करता है। आइए, हम हिंदी पत्रकारिता के इस महत्वपूर्ण दिन पर पत्रकारिता के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करें।

*पत्रकार – मुकेश सक्सेना एड*