अधिनियम 1961 की धारा 43-B(h) के द्वारा किये गये संशोधन को अविलम्ब वापस कराये जाने के सन्दर्भ में । आज उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के शीर्ष नेतृत्व द्वारा आदेशानुसार जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गुप्ता के नेतृत्व में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

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अधिनियम 1961 की धारा 43-B(h) के द्वारा किये गये संशोधन को अविलम्ब वापस कराये जाने के सन्दर्भ में ।
आज उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के शीर्ष नेतृत्व द्वारा आदेशानुसार जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गुप्ता के नेतृत्व में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल(रजि०) की जनपद स्तरीय शाखा है और जनपद के समस्त औधोगिक एवं व्यापारिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है,आप सभी सम्मानित पत्रकार बन्धुओं के माध्यम से आपके समक्ष निम्न प्रतिवेदन प्रेषित किया जा रहा है।

कि केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई लघु एवं सूक्ष्म निकायों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए आयकर अधिनियम 43B में संशोधन करते हुए उसकी 43B(h) के द्वारा एमएसएमई से जुड़ी इकाइयों को अधिकतम 15 दिनों के भीतर भुगतान किए जाने की व्यवस्था अनिवार्य की गई है । जिसका परिस्थिति जन्य में पालन कर पाना संभव नहीं है।

मान्यवर एमएसएमई से जुड़ी जो सूक्ष्म इकाइयां हैं उनको अपने माल का विक्रय करने के लिए बड़ी-बड़ी इकाइयों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, और अपने माल को बेचने के लिए व्यापारियों को अतिरिक्त सुविधाएं मुहिया करनी पड़ती है जिसमें समयवधि की सीमा के साथ-साथ माल वापसी तक का अनुबंध करना पड़ता है तब व्यापारी उनसे माल खरीदता है।
एमएसएमई से माल खरीदने वाले व्यापारी को उस माल की बिक्री उधार में करना पड़ता है उस कारण भुगतान आने पर ही लघु इकाईयों को भुगतान कर पता है।

मान्यवर एमएसएमई के अंतर्गत समयावधि 15 दिन एवं अनुबंध होने की स्थिति में 45 दिनों में भुगतान में पूर्ण न होने पर वर्ष के अंत में जो राशि देय रह जाएगी, वह उस वित्तीय वर्ष के आय में जोड़कर आयकर की गणना की की जाएगी इससे व्यापारियों को अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा।

सुक्ष्म इकाइयों जो की माल के उत्पादन एवं सेवाओं में संलग्न है एवं जिनका वार्षिक टर्नओवर 5 करोड रु तक है एवं लघु इकाईयों जिनका वार्षिक टर्नओवर 50 करोड रुपए तक है एवं उन्होंने एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है तो उसका भुगतान 15 दिन और अनुबंध की स्थिति में 45 दिन से अनिवार्य रूप से भुगतान करना अनिवार्य है, जिसका पालन कर पाना खरीददार व्यापारी के लिए संभव नहीं है जिससे लघु व मध्यम इकाईयों का कारोबार प्रभावित होगा।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आयकर अधिनियम की धारा 43 B(h) के प्रावधानों के निर्णय को अभिलंब वापस लिया जाए ,अन्यथा की स्थिति में एमएसएमई से समयवधि के संबंध में किए गए अनुबंध को मान्यता दी जये।

आपका बहुत बहुत आभार

इस ज्ञापन में प्रांतीय उपाध्यक्ष राघवेंद्र नाथ मिश्रा ,जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गुप्ता ,जिला महामंत्री स्वतंत्र देवल, जिला उपाध्यक्ष डालचंद सक्सेना ,जिला कोषाध्यक्ष संजीव शर्मा ,नगर अध्यक्ष रवि शर्मा ,नगर महामंत्री हरिपाल यादव ,नगर उपाध्यक्ष महेश पाठक एवं नगर अध्यक्ष युवा पंकज अग्रवाल उपस्थित रहे।

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