नर्सरी पद्धति से करें बसंतकालीन गन्ना रोपाई। किसान भाई बसंतकालीन गन्ना बुवाई से ले अधिक उत्पादन। जनपद पीलीभीत मे लगभग 60.00 हजार हे.मे होंगी गन्ना बुवाई।

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नर्सरी पद्धति से करें बसंतकालीन गन्ना रोपाई।
किसान भाई बसंतकालीन गन्ना बुवाई से ले अधिक उत्पादन।
जनपद पीलीभीत मे लगभग 60.00 हजार हे.मे होंगी गन्ना बुवाई।

AHN News Harish Gangwar Pilibhit
नर्सरी पद्धति से करें बसंतकालीन गन्ना रोपाई।
किसान भाई बसंतकालीन गन्ना बुवाई से ले अधिक उत्पादन।
जनपद पीलीभीत मे लगभग 60.00 हजार हे.मे होंगी गन्ना बुवाई।
पीलीभीत सूचना सूचना विभाग 02 मार्च 2024/गन्ना बुवाई एवं अच्छे जमाव के लिये 25 से 32° सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा माना जाता हैँ l यह तपमान वर्ष मे दो बार आता है l अक्टूबर – नवंबर और फरवरी -मार्च मे l जनपद मे शरदकालीन गन्ना बुवाई मात्र 10 प्रतिशत मे ही होती है l ज्यादातर किसान बसंतकालीन ( फरवरी -मार्च ) गन्ना बुवाई करते हैँ l गन्ना एक बहुवर्षीय नकदी फसल हैँ इसकी खेती से किसानो को अच्छी आमदनी होती है l यही कारण है कि जनपद पीलीभीत के किसानो मे गन्ना खेती के प्रति अधिक लगाव है l अधिक उपज लेने के लिये जरुरी है कि उन्नतिशील गन्ना किस्मो का स्वास्थ्य कीट -व्याधि रहित बीज बुवाई के लिये चयन किया जाये l बीज गन्ना यदि 10 माह तक की अवधि का हो तो जमाव अच्छा होता हैँ l अधिकांश किसान एक या दो आंख के टुकड़ो से बुवाई करते हैँ l लेकिन पिछले तीन वर्षो से किसान गन्ने के टुकड़ो से बुवाई न करके पहले गन्ने की पौध तैयार करते है l फिर तैयार पौध की रोपाई करते हैँ l गन्ने की पौध किसान यस. टी. पी. विधि या सिंगल बड विधि से खेतो मे या पोरट्रे मे तैयार करते हैँ l नर्सरी ऐसे स्थान पर तैयार करते है जहाँ पर्याप्त प्रकाश मिले lपौध तैयार होने मे 25-30 दिन लग जाते है l तैयार पौधों को 10000 पौधे प्रति एकड की दर से पक्ति से पक्ति मे 4. 00 से 5.00फीट की दूरी एवं पौधे से पौधे की 1.00 फ़ीट की दूरी पर रोपते है l शत प्रतिशत अंकुरित पौधा ही लगता है इसलिए खाली जगह रहने का विकल्प नहीं रह जाता l पौध की रोपाई करने से बीज की बचत होती है, बीज की सफाई, बीजोपचार एवं रोपाई मे कम खर्चा आता है l 2.5 कु.गन्ना बीज एक एकड़ की पौध तैयार करने के लिये पर्याप्त होता हैँ l जहाँ पर पौधा रोपा जाता है वही पर खाद देने से खाद का उपयोग सीमित होता है l पिछले वर्ष 2022-23 मे जनपद मे 58806 हे . मे गन्ना बुवाई हुई थी जिसमे 180 हे. की बुवाई किसानो ने पौध रोपाई से किया था l पिछले वर्ष जनपद के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 47.17 लाख नवीन गन्ना किस्मो के पौधे तैयार किये गए थे l इस वर्ष शरद्काल मे 22.85 लाख पौधे तैयार किये गए जिनसे 68.20हे मे गन्ना पौध की रोपाई की गयी l बसंतकाल मे 60 लाख गन्ना पौध तैयार कर 250 हे.मे गन्ने की नवीनतम किस्मे – कोशा. 013235, को.लख.14201, कोशा.17231एवं को.15023 की रोपाई की जानी हैँ l सामान्य एवं ट्रेंच विधि से लगभग 60.00 हजार हे. मे गन्ना वुवाई होना हैँ तथा 58.00हजार हे. मे पेड़ी गन्ना होगा l पेराई सत्र 2023-24 मे जनपद मे एक लाख दस हजार हे. गन्ना रकबा था l आगामी सत्र 2024-25 मे एक लाख बीस हजार गन्ना रकबा होना संभावित है ।बुवाई एवं अच्छे जमाव के लिये 25 से 32° सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा माना जाता हैँ l यह तपमान वर्ष मे दो बार आता है l अक्टूबर – नवंबर और फरवरी -मार्च मे l जनपद मे शरदकालीन गन्ना बुवाई मात्र 10 प्रतिशत मे ही होती है l ज्यादातर किसान बसंतकालीन ( फरवरी -मार्च ) गन्ना बुवाई करते हैँ l गन्ना एक बहुवर्षीय नकदी फसल हैँ इसकी खेती से किसानो को अच्छी आमदनी होती है l यही कारण है कि जनपद पीलीभीत के किसानो मे गन्ना खेती के प्रति अधिक लगाव है l अधिक उपज लेने के लिये जरुरी है कि उन्नतिशील गन्ना किस्मो का स्वास्थ्य कीट -व्याधि रहित बीज बुवाई के लिये चयन किया जाये l बीज गन्ना यदि 10 माह तक की अवधि का हो तो जमाव अच्छा होता हैँ l अधिकांश किसान एक या दो आंख के टुकड़ो से बुवाई करते हैँ l लेकिन पिछले तीन वर्षो से किसान गन्ने के टुकड़ो से बुवाई न करके पहले गन्ने की पौध तैयार करते है l फिर तैयार पौध की रोपाई करते हैँ l गन्ने की पौध किसान यस. टी. पी. विधि या सिंगल बड विधि से खेतो मे या पोरट्रे मे तैयार करते हैँ l नर्सरी ऐसे स्थान पर तैयार करते है जहाँ पर्याप्त प्रकाश मिले lपौध तैयार होने मे 25-30 दिन लग जाते है l तैयार पौधों को 10000 पौधे प्रति एकड की दर से पक्ति से पक्ति मे 4. 00 से 5.00फीट की दूरी एवं पौधे से पौधे की 1.00 फ़ीट की दूरी पर रोपते है l शत प्रतिशत अंकुरित पौधा ही लगता है इसलिए खाली जगह रहने का विकल्प नहीं रह जाता l पौध की रोपाई करने से बीज की बचत होती है, बीज की सफाई, बीजोपचार एवं रोपाई मे कम खर्चा आता है l 2.5 कु.गन्ना बीज एक एकड़ की पौध तैयार करने के लिये पर्याप्त होता हैँ l जहाँ पर पौधा रोपा जाता है वही पर खाद देने से खाद का उपयोग सीमित होता है l पिछले वर्ष 2022-23 मे जनपद मे 58806 हे . मे गन्ना बुवाई हुई थी जिसमे 180 हे. की बुवाई किसानो ने पौध रोपाई से किया था l पिछले वर्ष जनपद के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 47.17 लाख नवीन गन्ना किस्मो के पौधे तैयार किये गए थे l इस वर्ष शरद्काल मे 22.85 लाख पौधे तैयार किये गए जिनसे 68.20हे मे गन्ना पौध की रोपाई की गयी l बसंतकाल मे 60 लाख गन्ना पौध तैयार कर 250 हे.मे गन्ने की नवीनतम किस्मे – कोशा. 013235, को.लख.14201, कोशा.17231एवं को.15023 की रोपाई की जानी हैँ l सामान्य एवं ट्रेंच विधि से लगभग 60.00 हजार हे. मे गन्ना वुवाई होना हैँ तथा 58.00हजार हे. मे पेड़ी गन्ना होगा l पेराई सत्र 2023-24 मे जनपद मे एक लाख दस हजार हे. गन्ना रकबा था l आगामी सत्र 2024-25 मे एक लाख बीस हजार गन्ना रकबा होना संभावित है ।