गलत बिजली बिल बिना सुधारे बकाएदार बना कर गलत बिलों की भी वसूली के लिए बिना नोटिस दिए धड़ल्ले से कनेक्शन काट रहा विभाग* *अधिशासी अभियंता का तर्कः बिजली का बिल ही होता है नोटिस*

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*गलत बिजली बिल बिना सुधारे बकाएदार बना कर गलत बिलों की भी वसूली के लिए बिना नोटिस दिए धड़ल्ले से कनेक्शन काट रहा विभाग*

*अधिशासी अभियंता का तर्कः बिजली का बिल ही होता है नोटिस*

*वाराणसी: राजातालाब* क्षेत्र में गलत बिजली बिलों के उपभोक्ता का भी बिना बिल सुधारे धड़ल्ले से कनेक्शन काटा जा रहा है। इसमें नियमों को ताक पर रखकर कार्रवाई जारी है। जबकि विद्युत अधिनियम के तहत बकाया बिलों की वसूली के लिए बिना नोटिस दिए कनेक्शन काट रही बिजली विभाग।

*अधिशासी अभियंता का तर्कः बिजली का बिल ही होता है नोटिस*

जबकि आज तक ऐसे नोटिस किसी भी उपभोक्ताओं को जारी नहीं किए। नियम यह भी है कि कनेक्शन काटने के दौरान घर के किसी व्यस्क सदस्य को इसकी सूचना दी जाए लेकिन कनेक्शन काटने की जानकारी तक संबंधित उपभोक्ता को नहीं दी जा रही है। इधर अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार ने अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताते हैं कि बिल ही नोटिस होता है। उन्हें यह भी नहीं पता की नोटिस क्या होता है और बिजली बिल क्या होता है। बकाया वसूली को लेकर हर दिन बिजली विभाग बकायादारों के कनेक्शन काट रही है। और नियमों को ताक पर रख कर कार्रवाई करने से लगातार विवाद की स्थिति भी बन रही है। कचनार गाँव के उपभोक्ता सुरेंद्र कुमार ने बताया, बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर नियमों की अवेहलना कर बिजली विभाग दादागिरी कर रही है। खुद पर विभाग कोई नियम मानने तो तैयार नहीं, जबकि उपभोक्ताओं पर सारे नियम कायदे लाद दिए हैं। उपभोक्ता द्वारा बताया गया कि वे नियमित उपभोक्ता है हर माह समय पर बिल भरते हैं, लेकिन पिछले साल मार्च से अब तक लगभग डेढ़ लाख से अधिक का गलत बिजली बिल मिला बिल सुधारने के लिए पिछले साल ही उपखंड अधिकारी मंगला प्रसाद श्रीवास्तव को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अनुरोध किया गया हैं बिल नहीं सुधारने के कारण बिल नहीं जमा किया गया और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने तीन दिन पहले बिना नोटिस कनेक्शन काट दिया।

*रीडिंग से अधिक दिया बिल*

उन्होंने बताया की वास्तविक कुल खपत से अधिक रीडिंग का आया है। जिसका समाधान चाहते थे, इस कारण उन्होंने बिल नहीं जमा किया। इसे लेकर बिजली विभाग द्वारा बिना कोई नोटिस पूर्व सूचना के ही उनका कनेक्शन काट दिया गया। जब उपभोक्ता द्वारा अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारियों ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें आप को नोटिस दिया जाए, जब आप बिल भरेंगे तभी हम आपका कनेक्शन जोड़ेंगे।

*अन्य उपभोक्ता भी परेशान*

इसी प्रकार उपभोक्ता अजय जायसवाल, शकुंतला देवी, अजीत जायसवाल ने बताया कि उनके यहां जो मीटर लगा है वास्तविक खपत से अधिक का बिल दिया गया है। इसकी शिकायत लेकर कई बार बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसका निराकरण नहीं हो पाया है। जब अधिकारियों के पास जाते है तो कहते हैं बाद में आना।

*अधिकतर बिलों में होती है विसंगति*

उपभोक्ताओं को जो बिल दिया जाता है। उनमें अधिकतर बिल में रीडिंग की समस्याएं आती हैं। वह विद्युत मीटर से अधिक रीडिंग का बिल वसूला जाता है और यदि जब कोई उपभोक्ता शिकायत लेकर आता है तो उसे चक्कर लगाना पढ़ते है।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने उच्चाधिकारियों को समाधान हेतु एक्स पर पोस्ट कर शिकायत दर्ज कराई है और कहाँ है कि यदि ड्यू डेट निकलने तक भुगतान नहीं होता है 15 दिन पहले नोटिस देने का नियम है। जबकि विभाग बिना सूचना के ही कनेक्शन काट रहा हैं। इस तरह से विभाग मनमानी पर उतर गया हैं समाधान नही होने पर मानसिक, आर्थिक शोषण की क्षतिपूर्ति हेतु अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की चेतावनी दी है।

*बिल ही नोटिस*

विद्युत अधिनियम के तहत प्रावधान है, बिल ही नोटिस होता है। मीटर की यूनिट एप के जरिए ली जाती है। मीटर रीडर ने गलती से लिख दिया होगा।

-मंगला प्रसाद श्रीवास्तव – उपखंड अधिकारी।

सुभाष शास्त्री के साथ राजकुमार गुप्ता
वाराणसी