तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न* *तीन राज्यों के 30 कार्यकर्ताओं को सामाजिक कार्य हेतु प्रशिक्षित किया गया* *आजादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है : जागृति राही* *उत्प्रेरक जैसी होनी चाहिए सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका : वल्लभाचार्य पाण्डेय*

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*तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न*

*तीन राज्यों के 30 कार्यकर्ताओं को सामाजिक कार्य हेतु प्रशिक्षित किया गया*

*आजादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है : जागृति राही*

*उत्प्रेरक जैसी होनी चाहिए सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका : वल्लभाचार्य पाण्डेय*

*चौबेपुर, वाराणसी 19 मार्च 2024*
सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में भंदहा कला (कैथी) ग्राम स्थित संस्था के प्रशिक्षण केंद्र पर आयोजित युवाओं का तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को सम्पन्न हुआ. 17 से 19 मार्च तक आयोजित इस शिविर में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से आये कुल 30 प्रतिभागी सम्मिलित हुए.

शिविर में प्रशिक्षिका के रूप में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्त्री जागृति राही ने कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, आर्थिक स्थिति जैसे अवरोधों को त्यागते हुए समाज के मुद्दों पर अपनी समझ बनानी चाहिए उसके बाद क्रमशः सामूहिक कोशिश से समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने आजादी के संघर्ष से लेकर संविधान निर्माण तक में महिलाओं के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं ने बड़ा त्याग किया है.

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में बंटे हुए लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, न्याय और सम्मान जैसे मुद्दों पर संगठित करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ी भूमिका लेनी होगी जिससे सभी का जीवन खुशहाल हो. एक सामाजिक कार्यकर्ता को एक उत्प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए.

लोक चेतना समिति के सुरेन्द्र सिंह कहा कि आज युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित है उनकी समाज के प्रति कुछ कर्तव्य और जिम्मेदारियां है जिनका निर्वहन करने के लिए उन्हें अपने अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों को भी समझना पड़ेगा. दखल संगठन की डॉ इंदु पांडेय ने महिलाओं को राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए आगे आने को प्रेरित करने का सुझाव दिया और कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से उन पर होने वाले अत्याचारों में स्वाभाविक रूप से कमी आएगी.

प्रतिभागियों ने शिविर के दौरान चिरईगांव, चोलापुर और आराजीलाइन विकास खंड के कुछ गांवों में भ्रमण करके पंचायती राज द्वारा कराये गये विकास कार्यों का भी अवलोकन किया.

शिविर में सूचना का अधिकार कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, आंगन बाड़ी, आशा कार्यकर्त्री, स्वयं सहायता समूह, विद्यालय प्रबंध समिति, भूमि अधिग्रहण कानून, पंचायती राज, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सरकारी योजनाओं, महिलाओं के अधिकार जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा की गयी. इस दौरान गंगा किनारे सफाई अभियान भी किया गया. प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में रोहन, प्रदीप सिंह, अवंतिका, धनञ्जय नीरज, दीन दयाल सिंह आदि का विशेष योगदान रहा.

सुभाष शास्त्री के साथ
राजकुमार गुप्ता की रिपोर्ट