पीलीभीत चरम पर भ्रष्टाचार डंके की चोट पर प्रधान सचिव मिलकर करा रहे अनियमिताओं से सड़क और नाली निर्माण

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पीलीभीत चरम पर भ्रष्टाचार डंके की चोट पर प्रधान सचिव मिलकर करा रहे अनियमिताओं से सड़क और नाली निर्माण

नदी की बालू से डंके की चोट पर दोम ईट से सचिव प्रधान कंसेंटिंग इंजीनियर ठेकेदार से करा रहे नाली निर्माण
पूरा मामला जनपद पीलीभीत के विकासखंड ललौरी खेड़ा के गांव रूपपुर कमालू का है जहां प्रधान सचिव और कंसलटिंग इंजीनियर मिलकर सरकारी खजाने को लूटने की जुगत में लग गए हैं
बताया जा रहा है रूपपुर कमालू में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण कार्य किया जाना है जिसकी शुरुआत नाली निर्माण से हो रही है जिसमें दोम ईट का प्रयोग किया जा रहा है वहां पर मौजूद एक मजदूर ने बताया कि नाली निर्माण में आधे से ज्यादा सफेद बालू यानी देसी रेत का प्रयोग किया जा रहा है जो सरकारी मानक में बिल्कुल भी नहीं होता
मजदूर ने बताया कि 7-परात मोटा रेत और आठ परात देसी रेत में मात्र दो परात सीमेंट डाला जा रहा है

जबकि जानकारों की माने तो तीन परात रेत में एक परात सीमेंट डालकर चुनाई करने का सरकारी मानक होता है

मगर सरकारी मनको को दरकिनार कर नाली निर्माण किया जा रहा है

प्रधान ने पहले से पड़े खड़ंजे को उखाड़ कर ईंटों का रोड़ा बना दिया
जो अब इस नए इंटरलॉकिंग सड़क में प्रयोग किया जाएगा

जबकि शासनादेश में पहले से पड़े खड़ंजे को उखाड़ने का प्रावधान ही नहीं बताया जा रहा है फिर भी खड़ंजे को उखाड़ा गया

आपको बता दें विकास खण्डो में सरकार द्वारा जब से कंसलटिंग इंजीनियर लगाए गए हैं तब से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है

इस वक्त कमीशन के चक्कर में कंसलटिंग इंजीनियर आंख मूद कर सरकारी मानकों को दरकिनार करते हुए काम करने में लगे हुए हैं
क्योंकि इन्हे ना नौकरी जाने का डर है और ना ही किसी कार्यवाही का

ग्रामीणों ने बताया कि रूपपुर कमालू गांव में अब तक बनी सभी सड़कों में इसी तरह का कार्य हुआ है

सिस्टम में बैठे अधिकारी बेलगाम है शिकायत करने पर जांच करने की बात कहते हैं जांच टीम आती है उसे भी कमीशन चाहिए होती है कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जाती है

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति को दरकिनार करते हुए काम किया जा रहा है

जनता में पूरी तरह आक्रोश है

प्रधान सचिव और कंसलटिंग इंजीनियर मिलकर सरकारी धन को लूटने में लगे हैं

कंसलटिंग इंजीनियर दीक्षा ने पहले तो कुछ बताने के लिए मना कर दिया ज्यादा पूछने पर बोलीं की अभी तक सड़क का उनके द्वारा कोई एस्टीमेट तैयार नहीं किया गया है उन्होंने कहा कि नाली निर्माण में केवल 4 सेंड का ही प्रयोग किया जाता है देसी रेत का बिल्कुल नहीं

रिपोर्ट मायाराम वर्मा