गया : बारा नरसंहार के मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास

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गया , 02 मार्च (वार्ता): चर्चित बारा नरसंहार मामले में गुरुवार को गया व्यवहार न्यायालय में मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी के द्वारा टाडा एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही तीन लाख पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई गई।
इस संबंध में बचाव पक्ष के वकील तारिक़ अली ने कहा कि बारा नरसंहार के मामले में मुख्य अभियुक्त किरानी यादव उर्फ रामचंद्र यादव को अदालत के द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 3 लाख 5 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. लेकिन हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि अभियुक्त लगातार 17 सालों से जेल में बंद है। इसके अलावा भी और कई लीगल पॉइंट्स है, जिन्हें हम देख रहे हैं. फैसले के खिलाफ हमलोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

अली ने बताया कि मामले में टाडा एक्ट के तहत यह सजा सुनाई गई है, इसलिए हाईकोर्ट जाने का कोई प्रोविजन नहीं है। इसलिए हमलोग इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला वर्ष 1992 का है. जिसमें किरानी यादव पर यह आरोप है कि वर्ष 1992 के 12 फरवरी की रात्रि किरानी यादव के नेतृत्व में बारा गांव में एमसीसी पार्टी के द्वारा 35 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद लगातार कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। हालांकि इसमें कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था लेकिन किरानी यादव इंडिपेंडेंट मामले का ट्रॉयल कर रहे थे। इस संबंध में आज यह सजा सुनाई गई है.

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गौरतलब है कि वर्ष 1992 के 12 फरवरी की रात्रि प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी के द्वारा गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र के बारा गांव में धावा बोल दिया गया था। इस दौरान हथियार के बल पर एमसीसी लोगों ने एक जाति विशेष के ग्रामीणों को हाथ-पैर बांधकर बाहर निकाला और गांव के बाहर ले जाकर 35 लोगों की निर्ममता पूर्वक गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। तब यह मामला काफी चर्चा में आया था। आनन-फानन में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 35 से भी ज्यादा लोगों को नामजद किया गया था एवं कई अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। 31 साल बाद इस मामले में मुख्य नामजद आरोपी किरानी यादव को सजा सुनाई गई है।