लंबित विधेयकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची तेलंगाना सरकार

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Telangana govt, हैदराबाद 03 मार्च (वार्ता) : तेलंगाना विधानसभा के दो सदनों में पारित 10 प्रमुख विधेयकों को राज्यपाल डॉ. तमिलसाई सुंदरराजन द्वारा मंजूरी देने में विलंब के विरोध में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। तेलंगाना के मुख्य सचिव की ओर से शीर्ष अदालत में गुरुवार को प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि विधानसभा के दोनों सदनों में पारित विभिन्न विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी दिये जाने में विलंब से उपजे संवैधानिक गतिरोध के कारण राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस बीच राज्यपाल ने एक ट्वीट में कहा, “ प्रिय तेलंगाना मुख्य सचिव , राजभवन दिल्ली की तुलना में अधिक निकट है। मुख्य सचिव के रूप में कार्यालय संभालने के बाद आपको आधिकारिक रूप से राजभवन जाने का समय नहीं मिला। कोई प्रोटोकॉल नहीं। शिष्टाचार भेंट का भी शिष्टाचार नहीं।

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मैत्रीपूर्ण आधिकारिक यात्राएं और बातचीत अधिक सहायक होतीं, जिसका आपका इरादा भी नहीं लगता है।” तेलंगाना राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए जो विधेयक 14 सितंबर-2022 से लंबित हैं उनमें आजमाबाद औद्योगिक क्षेत्र (पट्टे की समाप्ति और विनियमन) (संशोधन) विधेयक , तेलंगाना नगरपालिका कानून (संशोधन) विधेयक, तेलंगाना लोक रोजगार (सेवानिवृत्ति की आयु का विनियमन) (संशोधन) विधेयक , यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेस्ट्री तेलंगाना विधेयक , तेलंगाना यूनिवर्सिटी कॉमन रिक्रूटमेंट बोर्ड विधेयक , तेलंगाना मोटर वाहन कराधान (संशोधन) विधेयक, तेलंगाना राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) (संशोधन) विधेयक, प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2023; तेलंगाना पंचायत राज (संशोधन) विधेयक, और तेलंगाना नगरपालिका (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

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