नगर निकाय चुनाव में आरक्षित सीटों में भारी कमी दलितों के साथ धोखा: दारापुरी

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Darapuri, लखनऊ 31 मार्च (वार्ता) : ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एस दारापुरी ने आज कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में दलितों के लिए आरक्षित सीटों में भारी कटौती उसके साथ धोखा है।
दारापुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कल जारी की गयी अधिसूचना में स्थानीय निकाय के प्रस्तावित चुनाव में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित घोषित की गई सीटों की संख्या देय आरक्षण की अपेक्षा बहुत कम है।

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उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास को परिपत्र भेजा गया है और परिपत्र में कहा है कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों की नगरीय आबादी का प्रतिशत 22.27 है और उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली- 1993 के अनुसार उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों के लिए 21 प्रतिशत का आरक्षण निर्धारित है जोकि स्थानीय निकायों में भी देय है।
उन्होंने आगे कहा कि इस विवरण के अनुसार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में स्थानीय निकाय के प्रस्तावित चुनाव में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित घोषित की गई सीटों की संख्या देय आरक्षण की अपेक्षा बहुत कम है। उत्तर प्रदेश में नगर निगम के अध्यक्ष के 17 पदों में केवल 2 पद आरक्षित किए गए हैं जबकि निर्धारित आरक्षण 21प्रतिशत के अनुसार 04 पद आरक्षित होने चाहिए। उत्तर प्रदेश में नगर पालिका अध्यक्ष के 199 पदों में से अनुसूचित जाति के लिए केवल 27 पद आरक्षित किए गए हैं जबकि निर्धारित आरक्षण के अनुसार 42 पद आरक्षित होने चाहिए। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में नगर पंचायत अध्यक्ष के कुल 544 पदों में अनुसूचित जाति के लिए केवल 74 पद आरक्षित किए गए हैं जबकि निर्धारित आरक्षण के अनुसार 114 पद आरक्षित होने चाहिए।
दारापुरी ने आगे कहा है कि उपरोक्त विवरण के अनुसार वर्तमान प्रक्रिया के अंतर्गत अनुसूचित जातियों के लिए प्रस्तावित आरक्षण उन्हें नगर निकाय में प्रतिनिधित्व से भारी मात्रा में वंचित करता है जोकि इस वर्ग के साथ धोखा है।
उन्होंने आगे अंकित किया है कि यह भी उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2022 में स्थानीय निकाय के चुनाव संबंधी अध्यादेश के विरुद्ध हमारी पार्टी आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट द्वारा उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच में अनुसूचित जातियों को निर्धारित 21प्रतिशत के अनुसार आरक्षण देने हेतु जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी जो अन्य रिटों के साथ क्लब कर दी गई थी।
अतः उपरोक्त तथ्यों के परिपेक्ष्य में प्रमुख सचिव, नगर विकास से अनुरोध किया गया है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित आरक्षण के अनुसार आरक्षण देने की व्यवस्था करें। इस संबंध में यदि किसी वर्तमान नियम में परिवर्तन/संशोधन की आवश्यकता हो तो कृपया तदनुसार कार्रवाही करने की व्यवस्था करें।

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