योगी जी मेरी भी सुनो करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी सड़क पर छुट्टा घूम रहे निराश्रित गौवंश

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योगी जी मेरी भी सुनो -गौमाता रही पुकार।

करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी सड़क पर छुट्टा घूम रहे हैं निराश्रित गोवंश

रिपोर्ट उमेश कुमार शर्मा पुवायां,शाहजहांपुर।

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी पर आंसू बहाने पर मजबूर हैं गोवंश ,कैसी विडंबना है साहब!
जहाँ एक ओर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आए दिन गोमता की सेवा कर उन्हें हरा चारा खिलाते देखे जाते हैं।
वहीं उन्हीं के नुमाइंदे व पालिका प्रशासन की उदासीनता के चलते नगर और गांव की सड़कों पर में निराश्रित गोवंश का अंबार सा लगा रहता है।
शासन और प्रशासन इस ओर ध्यान देने की कोई ज़रूरत आखिर क्यों नहीं समझ रहा है?
बरसात का मौसम निराश्रित गोवंश के लिए सितम ढाने का काम करता है।
ऐसे में गोवंशीय पशु गांव- नगर की सड़कों पर खुलेआम घूमते नज़र आते हैं।
पशुओं का यह समूह जिस भी खेत में घुस जाता है,पूरा का पूरा खेत साफ कर देता है।
जिससे किसानों को भी भारी नुकसान सहन करना पड़ता है। खेतों को बचाने के लिए किसानों द्वारा आरीदार तारों की लगाई गई बाड़ से प्रतिदिन तमाम पशु बुरी तरह से घायल हो रहे हैं।
कई की तो मृत्यु तक हो जाती है। पशुओं से बचाव के लिए लगाया गया तार कभी-कभी किसान भाइयों की जान भी जोखिम में डाल देता है।
सूत्रों की माने तो गांवों में कई लोग इस ख़तरनाक आरीदार तार से घायल भी हो चुके हैं जिनमें से कुछ की मौत तक हो गई है ।
जिसमें से कुछ लोग गोवंशीय पशुओं के हमलों से मौत के भी शिकार हो चुके हैं।
आए दिन देखा जाता है कि सैकड़ों की संख्या में गोवंश से वाहन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। पिछले दिनों बंडा रोड पर एक साथ चार पशु तीव्र गति से आ रहे वाहन से मौत का शिकार हो गए थे , वहीं वाहन चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया था। जिस मामले में मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक यह मुद्दा उठाया गया था कि शासन प्रशासन को निराश्रित गोवंश के लिए कुछ न कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए फिर भी प्रयास केवल ढाक के तीन पात की तरह ही रहे।
योगी सरकार की मंशा के अनुरूप प्राथमिकता से किए जाने वाले कार्यों में गोवंश के लिए सुरक्षित पशु आश्रय स्थलों की स्थापना केवल कागजों तक ही सिमटकर आखिर क्यों रह गई।
राष्ट्रीय गौ रक्षक संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप वैरागी का कहना है कि गौशालाएं और पशु आश्रय स्थल लगातार बनाए जा रहे हैं फिर भारी संख्या में निराश्रित गोवंश बाहर कैसे घूम रहे हैं।
यह भी चिंता का विषय है! सरकार बनते ही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि गोवंश के संरक्षण और संवर्धन लिए प्राथमिकता से कार्य किए जाएंगे। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आख़िर ठोस योजना क्यों नहीं तैयार कर पा रहे हैं!
लोकसभा चुनाव करीब है और निराश्रित गोवंश को लेकर किसानों का एक समूह लगातार इसके निस्तारण की मांग भी करता चला आ रहा है फिर भी निचले स्तर तक कोई ऐसी कार्ययोजना नहीं बन सकी जिससे किसान और गोवंश दोनों अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।