जंतर मंतर पर धरने से लेकर हरिद्वार की हरकी पौड़ी तक, जाने पहलवानों के साथ क्या क्या हुआ?

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जाने पहलवानों के साथ अब तक क्या क्या हुआ?
जाने पहलवानों के साथ अब तक क्या क्या हुआ?

हरिद्वार की हरकीपौड़ी में होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए आमतौर पर सैकड़ों हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। लेकिन मंगलवार को हरकीपौड़ी की पावन धरा पर जो भीड़ जुटी वो देश के नामचीन पहलवानों की बेबसी देखने के लिए जुटी थी। जो अपने वर्षों की महनत से हासिल किए गौरव को गंगा में बहाने पहुंचे थे।

पहलवानों को मनाने पहुंचे बीकेयू नेता नरेश टिकैट

अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत कई बड़े खिलाड़ी मंगलवार शाम में हरिद्वार पहुँचे. हाथों में मेडल लिए खड़े सभी खिलाड़ी भावुक थे। वहीं पहलवानों से मिलने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे और सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच खड़े निराश पहलवानों को मनाने का प्रयास किया। नरेश टिकैत की पहल के बाद इन पहलवानों ने मेडल को प्रवाहित करने का अपना फ़ैसला टाल दिया।

श्री गंगा सभा ने नहीं दी विसर्जन की अनुमाति

उधर दूसरी ओर हर की पौड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्री गंगा सभा ने दिल्ली जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के हर की पौड़ी पर पदक विसर्जन किए जाने की अनुमति देने से मना कर दिया । सभा ने पहलवानों की इस घोषणा पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यह सनातन का पवित्र तीर्थ स्थल है, इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा।

1 महीने से धरने पर बैठे थे पहलवान

दरअसल पिछले एक महीने से ज़्यादा समय से दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक की अगुवाई में धरना-प्रदर्शन हो रहा था.

बृजभूषण पर यौन उतपीड़न के आरोप

इन पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण और तानाशाही रवैए जैसे गंभीर आरोप लगाए थे जिन्हें सांसद ने बेबुनियाद बताया और पहलवानों को नार्को टेस्ट की चुनौती दी.फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एफ़आईआर दर्ज हो चुकी है.

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