मीडिया स्व-निर्मित आचार संहिता का पालन करते हुए जनहितकारी पत्रकारिता की पेश करे मिसाल-मिश्र

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MEDIA ETHICS: मीडिया स्व-निर्मित आचार संहिता का करे पालन
MEDIA ETHICS,02 मार्च (वार्ता)- राजस्थान के राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने आह्वान किया है कि मीडिया स्व-निर्मित आचार संहिता के आधार पर पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों का निर्वह्न करते हुए जनहितकारी पत्रकारिता की मिसाल पेश करे । मिश्र गुरुवार को पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सभागार में हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि मीडिया को अपनी जिम्मेदारी का एहसास रखते हुए तथ्यपरक, विश्लेषणपरक, ज्ञान पूर्ण और तटस्थ समाचार प्रकाशित और प्रसारित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि समाचार प्रस्तुतीकरण में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उनको लेकर भ्रम या उत्तेजना का वातावरण नहीं बने।

MEDIA ETHICS: मीडिया को तथ्यपरक, विश्लेषणपरक, ज्ञान पूर्ण और तटस्थ समाचार प्रकाशित और प्रसारित करने चाहिए- मिश्र

उन्होंने यह भी कहा कि मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता और अनर्गल परोसने की प्रवृति से मीडिया को बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ऐसा क्षेत्र है, जिसका जनता से सीधा सरोकार है। इसीलिए विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बाद पत्रकारिता को चौथा स्तम्भ माना गया है। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए आह्वान किया कि वे पत्रकारिता की अपनी शिक्षा का उपयोग करते हुए जनता से जुड़े मुद्दों को प्रखरता से उठाएं और आम जन को लाभान्वित करने और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें। उन्होंने कहा कि भावी पत्रकार सामाजिक सरोकारों से जितना अधिक जुड़ाव रखेंगे, उतना ही व्यावहारिक ज्ञान उन्हें मिलेगा।

MEDIA ETHICS: मीडिया स्व-निर्मित आचार संहिता का पालन करते हुए जनहितकारी पत्रकारिता की पेश करे मिसाल

मिश्र ने कहा कि भारतीय पत्रकारिता आरम्भ से ही जन-जागरूकता और आदर्श जीवन मूल्यों से जुड़ी रही है। उन्होंने गणेश शंकर विद्यार्थी, महावीर प्रसाद द्विवेदी, लोकमान्य तिलक, शिव प्रकाश गुप्त जैसे पत्रकारिता पुरोधाओं को याद करते हुए कहा कि आजादी आंदोलन में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । उन्होने महात्मा गांधी की पत्रकारिता की चर्चा करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद से लड़ने के लिए उन्होंने पत्रकारिता को हथियार के रूप में अपनाया। राज्यपाल ने कहा कि जो भाषा मीडिया में प्रयोग होती है वही बाद में लोग अपनाते हैं इसलिए संचार माध्यमों में शब्दों का बेहतरीन प्रयोग और भाषा की शुद्धता भी बहुत जरूरी है।
उन्होंने पत्रकारिता में वैचारिक सामग्री में आ रही कमी पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि मीडिया शिक्षण के अंतर्गत विद्यार्थियों को मौलिक चिंतन के साथ विश्लेषणात्मक पत्रकारिता और सकारात्मक जीवन मूल्यों के लिए प्रेरित किया जाए। राज्यपाल ने प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सात विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए और शीर्ष तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को वरीयता प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने स्वर्ण पदक और वरीयता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में छात्राओं के अग्रणी रहने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह देश और समाज के लिए शुभ संकेत है। समारोह में 79 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की उपाधियां प्रदान की गई।

MEDIA ETHICS: राज्यपाल ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही फिल्म पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की पांच वर्ष की विकास यात्रा पर भी प्रकाश डाला। राज्यपाल ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया। इस अवसर पर कुल सचिव अबु सुफियान चौहान, विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल एवं अकादमिक परिषद् के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण एवं विद्यार्थी मौजूद थे।