Pilibhit बर्ड फ्लू के लक्षण मिलने के बाद पीटीआर में अलर्ट बढा़ई गई सतर्कता
बाघिन में वायरस के लक्षण
एवियन इन्फ्लूएंजा एच-5 वायरस (बर्ड फ्लू) को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी किया गया है। गोरखपुर में मृत बाघिन में वायरस के लक्षण की पुष्टि होने के बाद मुख्यालय के निर्देश पर सतर्कता बढ़ाई गई है। वन्यजीवों के साथ पक्षियों में बर्ड फ्लू को लेकर सचेत किया गया है। डीएफओ की ओर से समस्त रेंजरों को पत्र लिखकर निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों में स्थित है। इस रिजर्व की प्रमुख नदियां शारदा, चूका, माला और खन्नोत हैं। यहां का वातावरण साल के जंगलों, ऊंची घास के मैदानों और दलदली इलाकों से बना है। पीलीभीत उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे जिलों में से एक है, जहां घना जंगल पाया जाता है। 2018 के अनुमान के अनुसार, पीलीभीत जिले में 800 किमी² (310 वर्ग मील) से ज्यादा वन क्षेत्र हैं, जो जिले के कुल क्षेत्रफल का लगभग 23% है। पीलीभीत के जंगलों में अभी 71 से अधिक बाघ मौजूद हैं, साथ ही यहां कई तरह के और जानवर और पेड़-पौधों की प्रजातियां मौजूद हैं।
गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में सात मई को मृत बाघिन का सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा गया था।
सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद बाघिन में एवियन इन्फ्लूएंजा एच-5 वायरस (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई। इसके बाद अफसरों ने मामले को गंभीरता से लेकर जू को बंद करने के साथ प्रदेश के अन्य नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में भी वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसको लेकर मंगलवार को उच्च अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रदेशभर के वन अफसरों को जरूरी निर्देश जारी किए। इसके बाद पीटीआर में भी अलर्ट जारी किया गया है। डीएफओ भरत कुमार डीके के अनुसार वायरस को लेकर सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
समस्त रेंज के अफसर और फील्ड स्टाफ के साथ वन्यजीवों की निगरानी कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है। वन्यजीवों के साथ पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षणों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अगर वन्यजीवों के साथ पक्षियों की असामान्य मौत का मामला सामने आए तो तत्काल उच्च अफसरों को सूचना देने की हिदायत भी दी गई है। इसके साथ ही वन्यजीवों का संबंधित पशुचिकित्साधिकारी से परीक्षण कराने पर भी प्रभावी अमल किया जाए। इस तरह की गतिविधियां मिलने पर पशु पालन विभाग को भी जानकारी साझा करने पर जोर देने के निर्देश दिए गए हैं।
राजकुमार वर्मा
AHN MEDIA पीलीभीत