TOMAR: खाद्यान्न आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र शास्त्री जी का ऋणी

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खाद्यान्न आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र शास्त्री जी का ऋणी
TOMAR, 23 मार्च (वार्ता)- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास पर खेती करने की उनकी पहल ने देश और किसानों को प्रेरित किया। खाद्यान्न संकट को देखते हुए देश में एक दिन के उपवास के उनके आह्वान ने भारतीय किसानों को आत्मनिर्भरता के लिए भी प्रेरित किया। श्री तोमर विक्रम नव संवत 2080 एवं विश्व जल दिवस के अवसर पर कल रात धानुका समूह द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “शास्त्री जी का व्यक्तित्व अतुलनीय था।
वर्ष 1965 में खाद्यान्न संकट के चरम पर उन्होंने न केवल अपने सरकारी आवास पर खेती की, बल्कि ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे के साथ देश के किसानों को खेत में जाने का आह्वान भी किया । उन्होंने कहा कि शास्त्री जी की तरह आज लोग हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुसरण करते हैं। श्री मोदी के आह्वान पर कैसे लोगों ने गैस सब्सिडी त्याग दी, जिसके परिणामस्वरूप उज्जवला योजना की शुरुआत हुई और करीब नौ करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिला। कृषि मंत्री ने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह की मौजूदगी में शास्त्री जी के चित्र और उनके नाती संजय नाथ सिंह द्वारा उनके जीवन पर लिखी गई एक पुस्तिका का भी अनावरण किया।

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इस अवसर पर धानुका समूह के अध्यक्ष आर.जी. अग्रवाल ने कहा, “एक अनुमान के अनुसार, भारत में कृषि प्रयोजनों के लिए 70-80 प्रतिशत पानी का उपयोग किया जाता है। लगातार घटते भूजल स्तर को देखते हुए पारंपरिक बाढ़ सिंचाई तकनीक के बजाय ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को बढ़ावा देने की अत्यधिक आवश्यकता है। इस तरह की सटीक सिंचाई प्रणाली ने 60 प्रतिशत से अधिक बंजर भूमि वाले इज़रायल जैसे देश को उच्च गुणवत्ता और उच्च उपज वाली फसलों का उत्पादन करने वाले कृषि क्षेत्र में एक विश्व नेता के रूप में फलने-फूलने में सक्षम बनाया है। हमें एक देश के रूप में सटीक खेती (प्रिसिजन फार्मिंग) को बड़े पैमाने पर अपनाने की जरूरत है, जिसके परिणामस्वरूप फसल की गुणवत्ता, उत्पादन और लाभप्रदता में वृद्धि के साथ-साथ पानी की भी बचत होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक दशक से ज्यादा समय से धानुका ग्रुप कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों में जल के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के प्रति जागरूकता फ़ैलाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। समूह ‘खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में’ अभियान के माध्यम से जल संरक्षण पर लोगों को शिक्षित करने के साथ-साथ जागरूक भी करता रहा है। जल संरक्षण के लिए कंपनी ने राजस्थान के सीकर जिले के जुगलपुरा, देवीपुरा और जयपुर जिले के मैनपुर की धानी और संकोत्रा में रोक-बन्ध भी बनवाये हैं, जो अब पूरी तरह से काम कर रहे हैं और वर्षा जल से भरे हुए हैं।