यूपी पुलिस ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया

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Umesh Pal murder case
Umesh Pal murder case

Umesh Pal murder case: उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। हाल ही में पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीम ने अतीक अहमद की पत्नी का एक CCTV फुटेज बरामद किया है। वीडियो फुटेज में शाइस्ता उमेश पाल के शूटर के साथ नजर आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वीडियो शूटआउट से करीब पांच दिन पहले का है।

प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को हुए करीब दो सप्ताह बीत चुके हैं और अब तक हत्याकांड में शामिल दो अपराधियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है।

शाइस्ता CCTV फुटेज: Umesh Pal murder case

CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि शाइस्ता परवीन अतीक अहमद गैंग के शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु के घर नीवा पहुंची थी। सुधांशु शाइस्ता के साथ सीटीटीवी में भी नजर आ रहे हैं। अतीक का शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु धूमनगंज थाना क्षेत्र के नीवा गांव का रहने वाला है। अतीक का मुनीम असद के साथ प्रॉपर्टी का पूरा काम देखता है। पुलिस और STF की टीम शूटर बल्ली और असद की तलाश में जुटी है। इस वीडियो में शाइस्ता के साथ शूटर साबिर भी नजर आ रहे हैं।

जानिए इस घटना के बारे में:

फिलहाल शाइस्ता फरार है लेकिन बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ के दो सदस्यों राशिद और फुरकान को बरेली एसआईटी और बिथरी चैनपुर पुलिस ने शुक्रवार (10 मार्च) को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों अतीक अहमद के पूर्व विधायक भाई अशरफ से जेल में बिना पर्ची या आईडी के मिलते थे। पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से अंदर तक उन्हें कोई नहीं रोकता था। इससे पहले सात मार्च को पुलिस ने बरेली जेल के सिपाही शिवहरि और उसके मददगार दयाराम उर्फ नन्हे को संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था।

कांस्टेबल अशरफ के गिरोह के सदस्यों को बिना पर्ची या किसी अन्य औपचारिकता के उससे मिलने में मदद करता था। वहीं, अशरफ ने बरेली जेल से एक व्हाट्सएप कॉल भी की थी, जिसकी जानकारी प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी के मोबाइल से मिली थी। दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि बरेली जेल में बंद अतीक का भाई अशरफ सप्ताह में कम से कम तीन बार अपने गिरोह के सदस्यों से मिलने आता था। एक मीटिंग करीब 2 घंटे तक चलती थी। बाकी फरार अपराधियों की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं। यही एक कारण है कि यूपी पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है

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