वन विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा खतरनाक एवं जहरीले सांपों व मगरमच्छों की पहचान, रेस्क्यू एवं बचाव से संबंधित दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

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संवाददाता- गोरख नाथ यूपी उत्तराखण्ड हेड
मो- 9719814348

खटीमा- तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी के सुरई रेंज अंतर्गत सुरई वन विभाग भवन में शनिवार को मगरमच्छों एवं सांपों की पहचान, रेस्क्यू तथा बचाव दल के लिए संचालन संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डॉक्टर धीरज पांडे तथा वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर विनय भार्गव द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण में मगरमच्छ और सांप की पहचान तथा उन्हें रेस्क्यू करने व आवश्यक सावधानियां से संबंधित जानकारी उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को दी गई।

वहीं डॉक्टर धीरज पांडे तथा डॉक्टर विनय भार्गव द्वारा वन्यजीवों के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए मगरमच्छ एवं सांप की पहचान के बारे में बताया गया। साथ ही सभी वन कर्मियों को निर्देश दिया गया कि अपने समीपस्थ गांवों व आबादी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य स्थापित करें तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा वन्य जीव की सूचना मिलने पर उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए उसे रेस्क्यू करने की कार्रवाई करें। साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी स्थानीय स्टाफ का सहयोग करने की अपील की गई।

वहीं डॉक्टर विनय भार्गव ने बताया कि भविष्य में स्टाफ को इस तरह के प्रशिक्षण और दिए जाएंगे। हल्द्वानी वन विभागके सर्प विशेषज्ञ डीएस बर्गली द्वारा सांपों की पहचान उनके व्यवहार तथा वास स्थल के बारे में जानकारी दी गई।

वहीं बायोलॉजिस्ट प्रशांत कुमार द्वारा मगरमच्छ तथा सांपों के पहचान व्यवहार तथा वास स्थल के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि सामान्यतः इस क्षेत्र में मार्स क्रोकोडाइल सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मार्स क्रोकोडाइल से बचाव के बारे में भी बताया। उनके द्वारा बताया गया कि विगत 3 वर्षों में वर्तमान तक पश्चिमी वृत्त के अंतर्गत 4685 सांपों तथा तराई पूर्वी वन विभाग के अंतर्गत 114 मगरमच्छों का सकुशल रेस्क्यू कर उनके प्राकृतिक वास स्थलों में छोड़ा गया है।

कार्यशाला में सभी स्टाफ को सांपों और मगरमच्छों के रेस्क्यू का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया तथा रेस्क्यू के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियां के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण के उपरांत उपस्थित स्टाफ व जनप्रतिनिधियों को रेस्क्यू किट वितरित किया गया साथ ही समस्त वन क्षेत्र अधिकारियों को एंटी वेनम ड्रग किट उपलब्ध कराई गई।

वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बताया गया कि सर्पदंश की घटना होने पर नजदीकी वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय से एंटी वेनम ड्रग प्राप्त कर चिकित्सक की सहायता से पीड़ित व्यक्ति को एंटी वेनम ड्रग लगवा सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी, तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर, तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर के समस्त रेंजों के स्टाफ द्वारा प्रतिभाग किया गया।

इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन विभाग हल्द्वानी हिमांशु बागरी, प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर वन प्रभाग दिगान्ध नायक, प्रभागीय वनाधिकारी तराई पश्चिमी वन प्रभाग प्रकाश चंद्र आर्य, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी राहुल सती, सर्प विशेषज्ञ डीएस बर्गली, हल्द्वानी वन प्रभाग हल्द्वानी, उप प्रभागीय वनाधिकारी शारदा एवं खटीमा, पश्चिमी वृत्त के सभी रेंजों के वन क्षेत्राधिकारी तथा लगभग 120 रेंज स्टाफ सहित ग्राम प्रधान मुंडेली सुखविंदर सिंह, ग्राम प्रधान चांदा रूप सिंह राणा, ग्राम प्रधान जमौर रश्मि अंसारी, ग्राम प्रधान बूढ़ाबाग विरेंद्र सिंह, तथा ग्राम प्रधान बग्घा 54 धर्म सिंह दसौनी आदि उपस्थित रहे।