Vishu 2023: जानिए मलयालम नव वर्ष की तिथि, अनुष्ठान और महत्व

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Vishu 2023
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Vishu 2023: मलयाली हिंदुओं के बीच इस त्योहार का खासा महत्व है। यह त्यौहार पूरी दुनिया में मलयाली लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन को बिसु के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार अप्रैल के दूसरे सप्ताह में कर्नाटक, मैंगलोर और उडुपी में मनाया जाता है। विशु कानी 15 अप्रैल, 2023 को मनाई जाएगी।

Vishu 2023: महत्व

यह उस दिन को चिन्हित करता है जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करने जा रहा है। इस दिन को केरल में रहने वाले लोगों के लिए नए साल के रूप में भी मनाया जाता है। विशु का मतलब संस्कृत में बराबर होता है। मलयालम मास मेदम के अनुसार यह पहला दिन है जब सूर्य भूमध्य रेखा पर पहुंचता है।

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विशु 2023: इसे कैसे मनाया जाता है?

विशु कानी मलयालम नव वर्ष को चिंगम के नाम से भी जाना जाता है और इसे केरल में विशु के रूप में मनाया जाता है और केरल के लोग इस दिन को नई शुरुआत के रूप में मनाते हैं। ये लोग इस शुभ दिन से कृषि कार्यों की शुरुआत करते हैं। विशु महान लोकगीत और जोश के साथ मनाया जाता है। वे प्रार्थना करते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। वे भोजन, प्रकाश, धन और ज्ञान के लिए ईश्वर के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।

किंवदंतियों के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान विष्णु के आठंवे अवतार भगवान कृष्ण ने विशु पर राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस शुभ दिन पर लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए सबरीमाला अयप्पा मंदिर और गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों में जाते हैं। लोग अपने घर को रोशनी, रंगोली और फूलों से भी सजाते हैं।

विशु 2023: यह कहाँ मनाया जाता है?

भारत में इस दिन को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे बंगाल में पोइला बैसाख, पंजाब में बैसाखी, असम में बोहाग बिहू। इस पर्व को मनाने का उद्देश्य एक ही है लेकिन जगह के हिसाब से नाम और रस्में अलग-अलग हैं। नए साल के इस पर्व को पूरा देश बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाने जा रहा है।