गन्ने के खेत में ट्रैश मल्चिंग कराने से मिलेगी अधिक पैदावार पीलीभीत 09 मार्च 2025/किसान भाई अपने गन्ने के खेत में ट्रैश मल्चिग करके अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

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रिपोर्टर मलयालम वर्मा पीलीभीत

गन्ने के खेत में ट्रैश मल्चिंग कराने से मिलेगी अधिक पैदावार
पीलीभीत 09 मार्च 2025/किसान भाई अपने गन्ने के खेत में ट्रैश मल्चिग करके अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

इससे गन्ना किसानों की पैदावार बढ़ने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। गन्ना के खेत में ट्रैश मल्चिग करने से होने वाले फायदे बताने के लिए ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पीलीभीत, मझोला, पूरनपुर, बीसलपुर एवं बरखेड़ा की अध्यक्षता मे विभागीय कर्मचारियों की टीमों का गठन भी कर दिया गया है।खुशीराम भार्गव जिला गन्ना अधिकारी पीलीभीत ने बताया कि अधिकतर किसान अपना गन्ना काटने के बाद पत्तियों को खेत में ही जला देते है। ऐसा करने से जमीन के लाभदायक जीवाणु मर जाते हैं और वायुमंडल भी प्रदूषित होता है। गन्ना किसानों को ऐसा करने से रोकने के लिए ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों की अध्यक्षता में जोनवार टीमों का गठन कर दिया गया है।। जिसमें सहकारी गन्ना समिति पीलीभीत, बीसलपुर, पूरनपुर और मझोला शामिल हैं। यह टीमें गन्ना पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को ट्रैश मल्चिंग के प्रयोग की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैश मल्चिंग से गन्ने की सूखी पत्तियों को दो पक्तियों के बीच आठ से दस सेंटीमीटर की मोटाई में बिछा देते हैं। जिससे खेत में नमी अधिक समय तक सुरक्षित रहती है और बार-बार सिंचाई करने की जरूरत नहीं होती। इसके साथ ही खरपतवार नहीं जम पाते हैं। मल्चिंग के रूप में उपयोग हो ने वाली सूखी पत्तियां कुछ समय के बाद खाद में बदल जाती हैं। इन पत्तियों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व कार्बनिक पदार्थ प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं, जोकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। मल्चिंग विधि अपनाने से किसान की जमीन की भौतिक व जैविक दशा में भी सुधार होता है।मल्चिंग के लिए मार्च व अप्रैल सबसे उपयुक्त गन्ना के खेत में ट्रैश मल्चिग कराने के लिए मार्च और अप्रैल का महीना सबसे उपयुक्त होता है। यह प्रक्रिया उन खेतों में ठीक से हो पाती है, जिसमें ट्रेंच विधि से 3-4 फीट की दूरी पर गन्ना बोया गया है। इस तरह से मल्चिग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और जल धारण क्षमता के साथ ही पैदावार में भी इजाफा होता है। यह खरपतवार के नियंत्रण व पानी की बचत में सहायक है। मई, जून के महीने में कम सिचाई की जरूरत होती है। इस साल 57939 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पेड़ी गन्ना है, जिसमें से 53304 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल ट्रैश मल्चिंग का लक्ष्य मुख्यालय द्वारा निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार गन्ना विकास परिषद पीलीभीत 14400 हे., परिषद बीसलपुर को 14400 हेक्टर, परिषद पूरनपुर को 14350 हेक्टेयर, परिषद बरखेड़ा को 8000 हेक्टेयर, परिषद मझोला को 2160 हेक्टेयर ट्रैश मल्चिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रभु यन सिंह गन्ना आयुक्त उत्तर प्रदेश ने निर्देश दिए है कि ट्रेश मल्चिंग का लक्ष्य शत प्रतिशत पूरा किया जाये l किसानो के बीच बिभिन्न माध्यमो से इसका प्रचार प्रसार किया जाये l