लोकायुक्त जांच में राजातालाब क्षेत्र के कचनार गांव के रास्ते पर अवैध क़ब्ज़ा उजागर* *तत्कालीन लेखपाल धीरेन्द्र नारायण सिंह ने दिया था फ़र्ज़ी रिपोर्ट दोषियों पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 की कार्यवाही हुई*

36

*लोकायुक्त जांच में राजातालाब क्षेत्र के कचनार गांव के रास्ते पर अवैध क़ब्ज़ा उजागर*

*तत्कालीन लेखपाल धीरेन्द्र नारायण सिंह ने दिया था फ़र्ज़ी रिपोर्ट दोषियों पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 की कार्यवाही हुई*

*वाराणसी: राजातालाब*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के राजातालाब तहसील के कचनार ग्राम के आम रास्ता आराजी संख्या 618 और 630 सहित जलखाता बाहा आराजी संख्या 598 और नाला आराजी संख्या 424 पर अवैध क़ब्ज़ा की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। इस पर डीएम को त्रिसदस्यीय समिति गठित कर जांच का निर्देश लोकायुक्त ने दिया था। डीएम ने एसडीएम और एसीपी राजातालाब सहित एक अभियोजन अधिकारी को शिकायत की जांच के लिए नामित किया था। उसी कड़ी में त्रिसदस्यीय समिति ने गांव में उक्त सरकारी आराजियात पर अवैध क़ब्ज़ा की शिकायत की जांच करते हुए डीएम और लोकायुक्त को रिपोर्ट दी है। जिसमें लोकायुक्त द्वारा परिवादी से 16 दिसंबर तक प्रत्युत्तर मांगा गया है।

त्रिसदस्यीय समिति ने शिकायतकर्ता के शिकायत पर दल बल के साथ मौक़े पर पहुँच किया था जांच इसमे उक्त दोनो आम रास्ता रास्ता राजातालाब पंचक्रोशी मार्ग से पशु चिकित्सालय होकर राजमार्ग 19 मेहदीगंज मोड़ तक जाता है जिस पर अवैध क़ब्ज़ा की पुष्टि करते हुए गाँव के दो सगे भाइयों अवैध क़ब्ज़ा धारियों सुप्रभात चन्द्र विश्वास, सुब्रतोचन्द्र विश्वास सहित शम्भू पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 की कार्यवाही किया गया हैं। इस बावत शिकायत कर्ता विनय कुमार जायसवाल का कहना है कि ग्राम सभा में भूमाफ़ियों द्वारा करोड़ों की सरकारी ज़मीन का गोल माल करते हुए रास्ते को भी अवरुद्ध किया गया है उपरोक्त शेष आराजियात पर साक्ष्य सहित लोकायुक्त द्वारा 16 दिसंबर तक प्रत्युत्तर मांगा गया है जिसे देकर फ़र्ज़ी रिपोर्ट लगाने वाले तत्कालीन लेखपाल धीरेन्द्र नारायण सिंह सहित अवैध क़ब्ज़ा धारियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की माँग रखते हुए जनहित में अवैध क़ब्ज़ा हटवाने की मांग रखी जाएगी साथ ही कहा कि इसकी शिकायत पहले स्थानीय स्तर पर की, लेकिन तत्कालिक लेखपाल ने अवैध क़ब्ज़ा धारियों को लाभ पहुँचाने के लिए भ्रष्टाचार करते हुए सही जांच नहीं किया फ़र्ज़ी रिपोर्ट लगा दिया था। इसके बाद लोकायुक्त जांच की मांग की गई थी। समिति ने जाँच में अवैध क़ब्ज़ा की पुष्टि किया अब तत्कालीन लेखपाल पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है अब देखना यह है कि क्या प्रशासन दोषियों को दंडित करेगा या शिकायतकर्ता को पुनः सक्षम न्यायालय अथवा अन्य फोरम का सहारा लेगा पड़ेगा।

सुभाष शास्त्री के साथ
राजकुमार गुप्ता
वाराणसी