सैलानियों को लुभा रहे जंगल, जीव और हरियाली पीलीभीत टाइगर रिजर्व बना आकर्षण का केंद्र
उत्तर प्रदेश वन्यजीव अभ्यारण्यों में भी पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। तेज गर्मी और चढ़ते पारे के बीच भी उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्रों में पर्यटकों की भीड़ में कमी नहीं आ रही है। वन्यजीव अभ्यारण्यों के लिए पर्यटकों के बढ़ते रुझान को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने न केवल यहां सुविधाओं में इजाफा किया है बल्कि नए क्षेत्रों का भी विकास किया है।
ईको टूरिज्म में रुचि रखने वालों के लिए वैसे तो उत्तर प्रदेश में दुधवा-पीलीभीत टाइगर रिजर्व पहली पसंद बना हुआ है। उत्तराखंड के गठन के बाद उत्तरप्रदेश के हिस्से में अकेला दुधवा नैशनल पार्क रह गया था जो वन्यजीव प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र था। बीते दो दशक में प्रदेश में पहले पीलीभीत फिर अमानगढ़, कतर्नियाघाट, रानीपुर, कैमूर, सोहेलवा और भांवर वन जीव अभ्यारण्यों में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाते हुए खोला गया है।
वन्यजीव अभ्यारण्यों में ईको पर्यटन सत्र नवंबर से लेकर जून तक चलता है। अभी सत्र समाप्त होने में काफी समय बाकी है पर पर्यटकों की आमद पिछले साल के आंकड़ों के पार निकल गई है। केवल दुधवा और पीलीभात में ही 30 अप्रैल तक 92,000 पर्यटक आ चुके हैं जबकि बीते साल यह आंकड़ा 75.000 के लगभग था। वहीं इस साल 1,000 से ज्यादा वन्यजीव प्रेमी विदेशियों नें दुधवा व पीलीभीत का भ्रमण किया है।
सबसे ज्यादा बाघ दिखने के कारण और उत्तर प्रदेश के गोवा के रूप में मशहूर चूका बीच की वजह से पीलीभीत वन्यजीव प्रेमियों व पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पिछले सत्र में 45500 देशी पर्यटक घूमने के लिए आए तो इस साल अभी तक यह संख्या 42000 के पार हो गयी है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित चूका बीच पर्यटतकों के बीच यूपी के गोवा के नाम से मशहूर है जहां सूर्योदय और सूर्यास्त देखने वालों की भीड़ लग रही है। हालांकि अभी यहां रात में ठहरने की सुविधाएं विकसित नहीं की गयी हैं पर पर्यटकों की उमड़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार आसपास के इलाकों में होम स्टे से लेकर गेस्ट हाउस खोलने के लिए प्रोत्साहन दे रही है।
टाइगर रिजर्व के बीच में मौजूद झील के किनारे ट्री हाउस के साथ बोटिंग वगैरा की सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं। इसके अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए खोले गए जोन 1 व 2 में पर्यटकों को सबसे ज्यादा बाघ दिख रहे हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि एनटीसीए गाइडलाइन्स के मुताबिक अभी पीलीभीत वन क्षेत्र का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही पर्यटकों के लिए खोला गया है पर जिस कदर भीड़ बढ़ रही है उसे देखते हुए जल्दी ही यहां अन्य आकर्षण बढ़ाने होंगे।
राजकुमार वर्मा
पीलीभीत